कांग्रेस सांसद शशि थरूर की कूटनीतिक कुशलता के चलते कोलंबिया ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत पर की गई अपनी टिप्पणी वापस ले ली है। थरूर के नेतृत्व में गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबिया में भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को मजबूती से प्रस्तुत किया, जिससे भारत के पक्ष में नया समर्थन सामने आया है। इस पहल से भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति और मजबूत हुई है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर एक बार फिर पार्टी के भीतर विवादों में घिर गए हैं। भारत सरकार की विदेश नीति और ऑपरेशन सिंदूर की खुलकर सराहना करने पर उन्हें कांग्रेस नेताओं द्वारा "बीजेपी का सुपर प्रवक्ता" तक कहा जा रहा है। थरूर ने इन आरोपों को खारिज करते हुए खुद को राष्ट्रहित में बोलने वाला बताया। पार्टी में उनकी भूमिका को लेकर फिर से सवाल उठने लगे हैं, जिससे कांग्रेस में अंदरूनी कलह और गहराती दिख रही है।
भारत सरकार ने पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर करने के लिए 59 सांसदों की एक सर्वदलीय टीम 'पाक बेनकाब' मिशन के तहत गठित की है। ये सांसद 32 देशों का दौरा कर, पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों के प्रमाणों के साथ वैश्विक समुदाय को जागरूक करेंगे। शशि थरूर और रविशंकर प्रसाद जैसे वरिष्ठ नेता इस प्रयास का नेतृत्व करेंगे। यह मिशन भारत की आक्रामक कूटनीति का हिस्सा है, जो पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल के साथ हालिया बैठक में भारत-फ्रांस संबंधों को नई मजबूती दी। बैठक में आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, सामरिक साझेदारी और राजनीतिक संवाद को लेकर गहन चर्चा हुई। थरूर की कुशल कूटनीति और संयम ने भारत की विदेश नीति को नई दिशा दी है।
भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंचों पर भारत का पक्ष रखने के लिए कांग्रेस सांसद शशि थरूर को सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का प्रमुख नियुक्त किया है, जबकि कांग्रेस ने अपने सुझाए गए नामों में उनका नाम नहीं दिया था। इस निर्णय ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है, वहीं थरूर ने इसे देश सेवा का अवसर बताते हुए स्वीकार कर लिया है। यह कदम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सरकार की आक्रामक आतंकवाद विरोधी नीति का प्रतीक माना जा रहा है।
भारत सरकार पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर आक्रामक कूटनीतिक अभियान शुरू करने जा रही है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस नेता शशि थरूर की अगुवाई में एक संसदीय पैनल बनाया जा सकता है, जो विभिन्न देशों में जाकर 'ऑपरेशन सिंदूर' सहित भारत की कार्रवाइयों को दुनिया के सामने रखेगा।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा सरकार और सेना की खुलकर प्रशंसा करने पर पार्टी के भीतर मतभेद गहरा गए हैं। जहां कुछ नेताओं ने इसे ‘पार्टी लाइन’ से हटकर बताया, वहीं थरूर ने अपने बयान को “भारतीय होने की भावना” बताया। कांग्रेस के भीतर यह बहस राष्ट्रीय संकट के समय पार्टी की एकजुटता पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपात बैठक में पाकिस्तान को पहलगाम आतंकी हमले और परमाणु बयानबाजी को लेकर कड़ी फटकार लगी। पाकिस्तान की कोशिश भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर घेरने की थी, लेकिन सदस्य देशों ने आतंकवाद को लेकर उसकी भूमिका पर सख्त सवाल उठाए और झूठे फ्लैग ऑपरेशन के दावे को खारिज कर दिया। यह भारत की कूटनीतिक सफलता मानी जा रही है।