28 जुलाई 2025 को लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान लोजपा (राम विलास) की युवा सांसद शांभवी चौधरी ने अपने ओजपूर्ण भाषण से देश की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक मूल्यों और राष्ट्रीय आत्मसम्मान को मुखरता से रखा। कश्मीर में हुए हिंदुओं के नरसंहार के बाद पाकिस्तान में घुसकर 100 से अधिक आतंकियों को मारने वाले इस ऑपरेशन को ‘सिंदूर’ नाम देकर भारत ने मातृशक्ति के सम्मान की रक्षा का संदेश दिया। शांभवी ने कहा, “यह नया भारत है, जो डिप्लोमेसी से लेकर डेस्ट्रक्शन तक का रास्ता जानता है।” उनके भाषण की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह ने सराहना की, और सोशल मीडिया पर उनकी क्लिप वायरल हो गई।
पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान की भूमिका पर पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम के बयान ने सियासी भूचाल ला दिया है। एनआईए जांच पर सवाल उठाते हुए चिदंबरम ने हमलावरों की पहचान पर संदेह जताया, जिसे बीजेपी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बताया। संसद में पहलगाम हमले पर बहस से पहले यह बयान राजनीतिक गर्मी बढ़ा रहा है।
पाकिस्तान के कराची से मुहाजिर समुदाय के नेता और MQM के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अंतरराष्ट्रीय मंच पर मदद की गुहार लगाई है। हुसैन ने दावा किया है कि पाकिस्तान में मुहाजिरों पर अत्याचार हो रहा है और भारत ही उन्हें न्याय दिला सकता है। हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद यह अपील भारत-पाक संबंधों को एक नई दिशा में मोड़ सकती है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान नागरिकों और आतंकवादियों में फर्क नहीं करता। राजदूत हरीश पुरी ने संयुक्त राष्ट्र में पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए पाकिस्तान की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहयोग की अपील की।
हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने देशभर में सनसनी मचा दी है। 'ट्रैवल विद जो' चैनल से मशहूर हुई ज्योति पर अब पाकिस्तान के लिए जासूसी करने और भारत की सैन्य जानकारी लीक करने के आरोप हैं। जांच में सामने आई उसकी यात्राएं, सीक्रेट डायरी, व्हाट्सएप चैट और पाकिस्तानी संपर्क इस जासूसी कांड को गहराते जा रहे हैं।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अप्रैल 2025 में लंदन से वापसी ने देश की राजनीति और कूटनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। भारत-पाक तनाव, आतंकी घटनाओं और 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसे घटनाक्रमों के बीच उनकी वापसी को रणनीतिक कदम माना जा रहा है, जो PML-N को फिर से एकजुट करने और क्षेत्रीय स्थिरता में उनकी भूमिका को रेखांकित करता है।