शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उस संयुक्त दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया जिसमें पहलगाम आतंकी हमले की निंदा नहीं की गई थी, लेकिन बलूचिस्तान का उल्लेख किया गया था। यह साहसिक कदम भारत की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दर्शाता है और वैश्विक मंच पर चीन-पाकिस्तान की दोहरी रणनीति के खिलाफ एक कड़ा संदेश है।
बीकानेर में आयोजित एक विशाल जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को "22 मिनट में 22 अप्रैल का बदला" बताते हुए राष्ट्र की सैन्य ताकत और राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन बताया। पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। मोदी ने कहा, “जो सिंदूर मिटाने आए थे, उन्हें मिट्टी में मिला दिया।” साथ ही, पीएम ने 26,000 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात भी दी और विपक्ष पर राष्ट्रहित से ऊपर राजनीति करने का आरोप लगाया।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा सरकार और सेना की खुलकर प्रशंसा करने पर पार्टी के भीतर मतभेद गहरा गए हैं। जहां कुछ नेताओं ने इसे ‘पार्टी लाइन’ से हटकर बताया, वहीं थरूर ने अपने बयान को “भारतीय होने की भावना” बताया। कांग्रेस के भीतर यह बहस राष्ट्रीय संकट के समय पार्टी की एकजुटता पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है।
तुर्की द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में युद्धपोत भेजे जाने के बाद भारत में देशभक्ति की लहर तेज हो गई है। इसके विरोध में देशभर में तुर्की और अज़रबैजान के उत्पादों जैसे सेब और ग्रेनाइट का बहिष्कार किया जा रहा है, साथ ही पर्यटन बुकिंग भी रद्द हो रही हैं। सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey और #BoycottAzerbaijan जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने ऑपरेशन सिंदूर को 100% सफल बताते हुए कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर, देश को वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से प्रस्तुत किया है। राफेल विमानों से गए सभी सैनिक सकुशल लौटे, और 100 से अधिक आतंकियों का सफाया कर भारत ने नई सैन्य और कूटनीतिक शक्ति का प्रदर्शन किया।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पाकिस्तान ने कोई भी उकसावे की कार्रवाई की, तो भारत की जवाबी कार्रवाई बेहद सख्त होगी। उनका यह बयान भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति को स्पष्ट करता है। पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक और उसके बाद पाकिस्तान द्वारा युद्धविराम उल्लंघन ने सीमा पर तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। भारतीय सेना पूर्ण सतर्कता में है।
पूर्व टेनिस स्टार संनिया मिर्ज़ा ने भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से देशभक्ति का मजबूत संदेश दिया। उन्होंने महिला सैन्य अधिकारियों की तस्वीर साझा करते हुए भारतीय नारी शक्ति का गौरवमयी चित्र प्रस्तुत किया। यह संदेश तेजी से वायरल हो गया और देश भर में सराहना बटोरी।
7 मई 2025 को भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पीओके के नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले कर 90 से अधिक आतंकवादियों को ढेर कर दिया। यह जवाबी कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में की गई, जिसमें 25 भारतीय नागरिक शहीद हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नामित यह ऑपरेशन सैन्य पराक्रम के साथ सांस्कृतिक संदेश का भी प्रतीक बना।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपात बैठक में पाकिस्तान को पहलगाम आतंकी हमले और परमाणु बयानबाजी को लेकर कड़ी फटकार लगी। पाकिस्तान की कोशिश भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर घेरने की थी, लेकिन सदस्य देशों ने आतंकवाद को लेकर उसकी भूमिका पर सख्त सवाल उठाए और झूठे फ्लैग ऑपरेशन के दावे को खारिज कर दिया। यह भारत की कूटनीतिक सफलता मानी जा रही है।
भारत सरकार 7 मई को देशभर के 244 जिलों में युद्धकालीन तैयारियों के तहत मॉक ड्रिल आयोजित कर रही है। हवाई हमले की चेतावनी, ब्लैकआउट, और नागरिक सुरक्षा अभ्यासों के माध्यम से यह ड्रिल नागरिकों को आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित करेगी। यह अभ्यास सुरक्षा बलों, राज्य प्रशासन, और आपदा प्रबंधन एजेंसियों के समन्वय को भी परखेगा।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक तनाव चरम पर है। अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने तीखा बयान देते हुए कहा है कि भारत ने दुश्मनों को "बहुत लंबी रस्सी" दे रखी है, जबकि उसे सीधे "फांसी की कुर्सी" का इस्तेमाल करना चाहिए था। भारत ने पाकिस्तान पर कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए हैं, जबकि पाकिस्तान हाई अलर्ट पर है।
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से 48 प्रमुख पर्यटक स्थलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। इस निर्णय का उद्देश्य संभावित आतंकी हमलों से पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियानों को सुचारू बनाना है, लेकिन इसका गहरा असर कश्मीर की पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था पर पड़ा है।