बीकानेर में आयोजित एक विशाल जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को "22 मिनट में 22 अप्रैल का बदला" बताते हुए राष्ट्र की सैन्य ताकत और राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन बताया। पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। मोदी ने कहा, “जो सिंदूर मिटाने आए थे, उन्हें मिट्टी में मिला दिया।” साथ ही, पीएम ने 26,000 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात भी दी और विपक्ष पर राष्ट्रहित से ऊपर राजनीति करने का आरोप लगाया।
उत्तर 24 परगना में एक कार्यक्रम के दौरान बॉलीवुड अभिनेत्री काजोल ने भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रशंसा की और इसमें शामिल वीर जवानों के शौर्य को सलाम किया। उन्होंने इसे आतंकवाद के खिलाफ भारत की कड़ी नीति और शहीदों को न्याय दिलाने वाला कदम बताया। साथ ही, काजोल ने ‘गीता शौर्य’ जैसे प्रेरणादायक सैनिकों की वीरता को नमन करते हुए भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका को भी रेखांकित किया।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि वे "सोच-समझकर पाकिस्तान के एजेंट की तरह बात करते हैं।" उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के बयान भारत के खिलाफ पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर "हथियार" देते हैं। पात्रा ने कहा कि यह बयानबाजी महज संयोग नहीं, बल्कि सोची-समझी रणनीति है जो देश की छवि और सेना के मनोबल को कमजोर करती है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि बीजेपी अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे झूठे आरोप लगा रही है।
नागपुर के खापरखेड़ा में आयोजित 'तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा' में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। सीएम ने इसे सेना के सम्मान और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बताया। नागपुरवासियों ने यात्रा को प्रेरणादायक बताते हुए इसका भरपूर समर्थन किया, वहीं कुछ विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक स्टंट कहा।
रायपुर में आयोजित भव्य तिरंगा यात्रा में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता और भारतीय सेना की वीरता को सलाम किया। इस यात्रा में हजारों नागरिकों ने भाग लेकर आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुटता और राष्ट्रभक्ति का संदेश दिया।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा सरकार और सेना की खुलकर प्रशंसा करने पर पार्टी के भीतर मतभेद गहरा गए हैं। जहां कुछ नेताओं ने इसे ‘पार्टी लाइन’ से हटकर बताया, वहीं थरूर ने अपने बयान को “भारतीय होने की भावना” बताया। कांग्रेस के भीतर यह बहस राष्ट्रीय संकट के समय पार्टी की एकजुटता पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है।
मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसके बाद सियासी बवाल मच गया है। कांग्रेस ने इस बयान को सेना और महिलाओं का अपमान बताते हुए बर्खास्तगी की मांग की है। विवाद बढ़ने पर विजय शाह ने माफी मांगी, लेकिन कांग्रेस ने भोपाल में विरोध प्रदर्शन कर मामला गरमा दिया है।
तुर्की द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में युद्धपोत भेजे जाने के बाद भारत में देशभक्ति की लहर तेज हो गई है। इसके विरोध में देशभर में तुर्की और अज़रबैजान के उत्पादों जैसे सेब और ग्रेनाइट का बहिष्कार किया जा रहा है, साथ ही पर्यटन बुकिंग भी रद्द हो रही हैं। सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey और #BoycottAzerbaijan जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बॉलीवुड सितारों की प्रतिक्रियाएं देशभक्ति से लेकर विवादों तक फैली रहीं। अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, रणवीर सिंह जैसे सितारों ने सेना की बहादुरी की सराहना की, जबकि हिना खान और शाहिद कपूर को सोशल मीडिया आलोचना का सामना करना पड़ा। यह घटनाक्रम बताता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर फिल्म इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया कितनी प्रभावशाली और कभी-कभी विभाजनकारी भी हो सकती है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने ऑपरेशन सिंदूर को 100% सफल बताते हुए कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर, देश को वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से प्रस्तुत किया है। राफेल विमानों से गए सभी सैनिक सकुशल लौटे, और 100 से अधिक आतंकियों का सफाया कर भारत ने नई सैन्य और कूटनीतिक शक्ति का प्रदर्शन किया।
आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की वीरता को सलाम करते हुए भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को 'आधुनिक रानी लक्ष्मीबाई' की उपाधि दी। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा करने वाला हर व्यक्ति सच्चा सनातनी है, चाहे उसका धर्म कोई भी हो। इस बयान ने सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया पाई है और शास्त्री के राष्ट्रवादी एवं समावेशी दृष्टिकोण को नया आयाम दिया है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2025 पर देशभर में महिलाओं की उपलब्धियों और योगदान का जश्न मनाया गया। यह दिन सिर्फ सम्मान का नहीं, बल्कि नारी शक्ति के प्रति समाज की सोच में बदलाव का प्रतीक भी बनता जा रहा है।