उत्तर 24 परगना में एक कार्यक्रम के दौरान बॉलीवुड अभिनेत्री काजोल ने भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रशंसा की और इसमें शामिल वीर जवानों के शौर्य को सलाम किया। उन्होंने इसे आतंकवाद के खिलाफ भारत की कड़ी नीति और शहीदों को न्याय दिलाने वाला कदम बताया। साथ ही, काजोल ने ‘गीता शौर्य’ जैसे प्रेरणादायक सैनिकों की वीरता को नमन करते हुए भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका को भी रेखांकित किया।
नागपुर के खापरखेड़ा में आयोजित 'तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा' में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। सीएम ने इसे सेना के सम्मान और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बताया। नागपुरवासियों ने यात्रा को प्रेरणादायक बताते हुए इसका भरपूर समर्थन किया, वहीं कुछ विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक स्टंट कहा।
रायपुर में आयोजित भव्य तिरंगा यात्रा में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता और भारतीय सेना की वीरता को सलाम किया। इस यात्रा में हजारों नागरिकों ने भाग लेकर आतंकवाद के खिलाफ भारत की एकजुटता और राष्ट्रभक्ति का संदेश दिया।
तुर्की द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में युद्धपोत भेजे जाने के बाद भारत में देशभक्ति की लहर तेज हो गई है। इसके विरोध में देशभर में तुर्की और अज़रबैजान के उत्पादों जैसे सेब और ग्रेनाइट का बहिष्कार किया जा रहा है, साथ ही पर्यटन बुकिंग भी रद्द हो रही हैं। सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey और #BoycottAzerbaijan जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
पूर्व टेनिस स्टार संनिया मिर्ज़ा ने भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से देशभक्ति का मजबूत संदेश दिया। उन्होंने महिला सैन्य अधिकारियों की तस्वीर साझा करते हुए भारतीय नारी शक्ति का गौरवमयी चित्र प्रस्तुत किया। यह संदेश तेजी से वायरल हो गया और देश भर में सराहना बटोरी।
राजनांदगांव में सिंधी समाज ने हेमू कालानी की प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। वक्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आतंकवाद पर सख्त रुख की सराहना करते हुए दोषियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की मांग की। कार्यक्रम के बाद मौन रैली भी निकाली गई।
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी के लिए कड़ी फटकार लगाई है, इसे 'गैर-जिम्मेदार' करार देते हुए भविष्य में सावधानी बरतने की सख्त हिदायत दी है। कोर्ट ने महात्मा गांधी के पत्रों का उदाहरण देते हुए ऐतिहासिक संदर्भों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने से बचने की नसीहत दी। यह फैसला राष्ट्रवादियों के लिए राहत लेकर आया, जबकि राहुल समर्थकों को निराशा हुई।